अध खुले अधर
नमक के समुद्र में
चुनते हुए बिछोह के मोती.
अकस्मात वर्षा के
आगमन की भांति
तुम घेर लो मुझे. मेरे सम्पूर्ण को.
मैं आती हूँ जगत में तुम्हारे लिए
ओ प्रिये.
नमक के समुद्र में
चुनते हुए बिछोह के मोती.
अकस्मात वर्षा के
आगमन की भांति
तुम घेर लो मुझे. मेरे सम्पूर्ण को.
मैं आती हूँ जगत में तुम्हारे लिए
ओ प्रिये.