किसी ने नहीं कहा
भद्र पुरुष कहाँ जाते हो तुम
प्रिय को तज कर.
मोक्ष
किस जगह, किस विध
किन्तु एक परछाई तो बाँध जाते सिरहाने.
एक अंतिम विदा कहने
आना लौट कर, बस एक बार.
भद्र पुरुष कहाँ जाते हो तुम
प्रिय को तज कर.
मोक्ष
किस जगह, किस विध
किन्तु एक परछाई तो बाँध जाते सिरहाने.
एक अंतिम विदा कहने
आना लौट कर, बस एक बार.